हनुमान चालीसा
श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनौँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुधि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस विकार॥
प्रतिदिन भजन, आरती और स्तोत्रों के माध्यम से आध्यात्मिक यात्रा
हर दिन एक नया भजन, नई शक्ति और नई भक्ति के साथ
प्रातःकाल का यह शक्तिशाली भजन आपके दिन को ऊर्जा और भक्ति से भर देगा। हनुमान जी की कृपा से सभी बाधाएं दूर होंगी।
शुभ प्रभात
आज का भजन विशेष
गायत्री मंत्र
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हनुमान चालीसा
गायत्री मंत्र
गणेश आरती
विष्णु सहस्त्रनाम
श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनौँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुधि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस विकार॥
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